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Jodhpur, rajasthan, India
Myself Dr. pradeep Charan belonging from jodhpur. I am a firm believer in homoeopathy along with its scope in restoring the health of patient from sick to cure as mentioned by Sir. Samuel Hahnemann. As our Master Hahnemann i am also believes in Highest Ideal of Cure. CONTACT : 1-C-382 Kudi Bhagatasani Housing Board Jodhpur (raj) Mob : +919252543550 Email : ambunj@gmail.com

Monday, August 24, 2009

SWINE FLU ITS SYMPTOMS AND TREATMENT

शूकर इन्फ्लूएंजा, जिसे एच1एन1 या स्वाइन फ्लू भी कहते हैं, विभिन्न शूकर इन्फ्लूएंजा विषाणुओं मे से किसी एक के द्वारा फैलाया गया संक्रमण है। शूकर इन्फ्लूएंजा विषाणु (SIV-एस.आई.वी), इन्फ्लूएंजा कुल के विषाणुओं का वह कोई भी उपभेद है, जो कि सूअरों की महामारी के लिए उत्तरदायी है। 2009 तक ज्ञात एस.आई.वी उपभेदों में इन्फ्लूएंजा सी और इन्फ्लूएंजा ए के उपप्रकार एच1एन1 (H1N1), एच1एन2 (H1N2), एच3एन1 (H3N1), एच3एन2 (H3N2) और एच2एन3 (H2N3) शामिल हैं। इस प्रकार का इंफ्लुएंजा मनुष्यों और पक्षियों पर भी प्रभाव डालता है। शूकर इन्फ्लूएंजा विषाणु का दुनिया भर के सुअरो मे पाया जाना आम है। इस विषाणु का सूअरों से मनुष्य मे संचरण आम नहीं है और हमेशा ही यह विषाणु मानव इन्फ्लूएंजा का कारण नहीं बनता, अक्सर रक्त में इसके विरुद्ध सिर्फ प्रतिपिंडों (एंटीबॉडी) का उत्पादन ही होता है। यदि इसका संचरण, मानव इन्फ्लूएंजा का कारण बनता है, तब इसे ज़ूनोटिक शूकर इन्फ्लूएंजा कहा जाता है। जो व्यक्ति नियमित रूप से सूअरों के सम्पर्क में रहते है उन्हें इस फ्लू के संक्रमण का जोखिम अधिक होता है। यदि एक संक्रमित सुअर का मांस ठीक से पकाया जाये तो इसके सेवन से संक्रमण का कोई खतरा नहीं होता। 20 वीं शताब्दी के मध्य मे, इन्फ्लूएंजा के उपप्रकारों की पहचान संभव हो गयी जिसके कारण, मानव मे इसके संचरण का सही निदान संभव हो पाया। तब से ऐसे केवल 50 संचरणों की पुष्टि की गई है। शूकर इन्फ्लूएंजा के यह उपभेद बिरले ही एक मानव से दूसरे मानव मे संचारित होते हैं। मानव में ज़ूनोटिक शूकर इन्फ्लूएंजा के लक्षण आम इन्फ्लूएंजा के लक्षणों के समान ही होते हैं, जैसे ठंड लगना, बुखार, गले में ख़राश, खाँसी, मांसपेशियों में दर्द, तेज सिर दर्द, कमजोरी और सामान्य बेचैनी।

लक्षण

इस के लक्षण आम मानवीय फ़्लू से मिलते जुलते ही हैं – बुखार, सिर दर्द, सुस्ती, भूख न लगना और खांसी. कुछ लोगों को इससे उल्टी और दस्त भी हो सकते हैं. गंभीर मामलों में इसके चलते शरीर के कई अंग काम करना बंद कर सकते हैं, जिसके चलते इंसान की मौत भी हो सकती है.





मनुष्यों मे शूकर इंफ्लुएंजा के मुख्य लक्षण










बचाव

मुँह और अपनी नाक को ढक कर रखें , खासकर तब जब कोई छींक रहा हो ।
बार-बार हाथ धोना जरूरी है;
अगर किसी को ऐसा लगता है कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है तो उन्हें घर पर रहना चाहिये। ऐसी स्थिति में काम या स्कूल पर जाना उचित नहीं होगा और जहां तक हो सके भीड़ से दूर रहना फायदेमंद साबित होगा।
अगर सांस लेने में तकलीफ होती है, या फिर अचानक चक्कर आने लगते हैं, या उल्टी होने लगती है तो ऐसे हालात में फ़ौरन डॉक्टर के पास जाना जरूरी है.
साभार : विकीपीडिया ( हिन्दी )

स्वाइन फ़्लू पर दो पावर पाइन्ट प्रेसन्टेन्शन को अवशय देखें , इसमे से एक डा. टी.वी. राव , प्रोफ़सर माइक्रोबाइलोजी , श्री देव राज मेडिकल यूनिवरसिटी , कोलार का , “ Swine flue outbreak 2009 “ है और दूसरा Homeopathy 4 everyone 2007 मे “ Homeopathy & the treatment of epidemic diseases “ नाम से प्रकाशित हुआ था ।

Swine flue outbreak 2009

डाउनलॊड लिंक : http://www.box.net/shared/uz79k46p0y



मिनेटेस डाट काम पर शेरी ने इन्फ़्लून्जियम पर कुछ रोचक आँकडॆ दिये । 1918 से 1957 तक इस औषधि के स्त्रोत फ़्लू से ग्रस्त रोगियों के नासिक स्त्राव और रक्त के सैम्पल से लिये गये । और इनमे से अधिकतर उन रोगियों से जो 1918 के फ़्लू की महामारी से ग्रस्त थे ।

1957 के बाद से दवा बनाने के ढंग मे बदलाव आया और दवा का स्त्रोत फ़्लू वैक्सीन से लिया गया । इग्लैंड की नेलसन होम्यो लैब इसकी मुख्य निर्माता और विक्रेता हैं और 1918 से 1957 अब तक लगभग 13 अलग –2 सैम्पल ला चुके हैं । इनमे से अधिकतर सैम्पल इसके पूर्व वर्ष मे हुये फ़्लू के वैक्सीन से लिये गये हैं । 1918 का फ़्लू वाइरस मुख्यत: H1N1 वाइरस था और यह अब तक के सबसे अधिक खतरनाक वाइरस की श्रेणी मे आता है । होम्योपैथिक दृष्टिकोण से मुख्य है इसकी प्रूविग जिससे उत्पन्न लक्षण लगभग वही थे जो फ़्लू के लक्षण से मेल खाते थे । नेलसन द्वारा उत्पादित इन्फ़्लून्जियम के अन्य उत्पाद निम्म हैं :

1. *Influenzinum (the 1918 epidemic) *
1. 2. Influenza virus A Asia /57
1. 3. Influenza virus A England 42/72
1. 4. Influenza virus B Hong Kong 5/72
1. 5. Influenza virus A/Port Chalmers 1/73
1. 6. Influenza virus A (Asian) 1954
1. 7. Influenza virus B (Asian) 1954
1. 8. Bacillus influenza 1918
1. 9. Influenza virus Az Hong Kong 1968
1. 10. Influenza virus Ar 1967
1. 11. Influenza virus B
1. 12. Influenza Co. (Combination of Az to 1918)
1. 13. Influenza virus a1.

नेलसन लैब के एम्सवर्थ ने इन उत्पादन पर अपनी कुछ इस तरह टिप्पणी की ,

"Our ‘Influenzinum’ is a nosode but it is old. pre 1985.
All the others are made from vaccines except 1989 and triple nosode.
As the flu strains vary from year to year we make up fresh potencies
from the years ‘most lightly flu’s’ vaccine each year in October".

लेकिन अपने देश मे कौन सा उत्पाद प्रयोग हो रहा है , इसके बारे मे दो प्रमुख कम्पनियाँ , बोइरोन इन्डिया और श्वाबे इन्डिया ने भी अब तक कुछ खास जानकारी नही दी है ।

फ़्लू /स्वाइन /बर्ड /या आम फ़्लू से बचने के लिये इन्फ़्लूनिजियम प्रयोग करने का सही तरीका क्या है :

होम्योपैथिक दृष्टिकोण से कोई फ़र्क नही पडता कि वह कौन सा फ़्लू है , स्वाइन / बर्ड / या आम फ़्लू , मुख्य है फ़्लू के लक्षणॊ का औषधि से मेल खाना ।

इन्फ़्लूनिजियम नोसोड श्रेणी मे आता है और इसका व्यवहार भी सावधानीपूर्वक करना चाहिये । इन्फ़्लूनिजियम 200 सपताह मे एक बार चार सप्ताह तक लगातार और इसके बाद महीने मे एक बार लें।

Influenzinum 200 c – take one dose every week for four weeks, and then, take the last dose one month later. This is intended as a strengthening/preventative measure

फ़्लू के लक्षण प्रकट होते ही किन औषधियों का प्रयोग करें :

  • ओसिलोकोकिनम या ऐनस बार्ब 200c : फ़्लू की शुरुआत होते ही इसका प्रयोग करें । फ़िलहाल अपने देश मे उपलब्धता नही के बराबर है ।

Oscillococcinum aka Anas Barb 200c. There are two names for this remedy. It’s Anas Barb in Nelsons. This is to be taken on the first onset of ‘flu symptoms. It should catch the early onset of the ‘flu. Though it’s not availbale in India .

  • चुनी हुई सही चयनित औषधि : होम्योपैथिक औषधि प्रयोग करने का यह तरीका सबसे कारगर और सही है । फ़्लू हो जाने पर सही चयनित औषधि का चयन किसी कुशल होम्योपैथिक चिकित्सक से करवायें और प्रयोग करें । इससे संबधित इस लेख को भी देखें ।

The Indicated Remedy if you actually get the full blown ‘flu, then give the indicated ‘flu remedy according to the symptoms. Here’s a good guide: http://www.hpathy.com/diseases/Swine-flu-symptoms-treatment.asp

आम प्रयोग होने वाली होम्योपैथिक औषधियाँ : लक्षण के अनुसार : [ मार्गेट टायेलेर की Pointers to the common Remedies देखें । ]

Aconite

Belladona

arsenic

Baptisia

Gelsemium

Eup Perf

Pyrogen

Bryonia

Rhus Tox

Mercurious

Camphor

Nux vom

AFTER INFLUENZA BADLY RECOVERED FROM

sulphur

china

arsenic

Cyprepedium pubescens

cyprepedin

Scutellaria lat


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